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चन्द्रकान्त रस के फायदे नुकसान | सेवन विधि | गुण और उपयोग | Chandrakant ras benefits in Hindi

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Apr 4, 2022
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चन्द्रकान्त रस पूर्णतया आयुर्वेदिक औषधि है। जो बिना डॉक्टर की पर्ची के बाजार में आसानी से उपलब्ध है। आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन बड़ी आसानी से खरीद सकते हैं। इसके सेवन से भयंकर से भयंकर सिर दर्द व अन्य प्रकार के शिरो रोग दूर होते हैं।

तो आइए जानते हैं चन्द्रकान्त रस के मुख्य घटक, फायदे नुकसान और सेवन विधि के बारे में।

चन्द्रकान्त रस के मुख्य घटक तथा बनाने की विधि

रस सिंदूर, अभ्रक भस्म, तीक्ष्ण लौह भस्म, ताम्र भस्म, शुद्ध गंधक– सब समान भाग लेकर 1 दिन स्नुही (सेहुण्ड) के दूध में घोंट कर दो- दो रत्ती की गोलियां बनाकर सुखाकर रख लें।

-र. सा. सं.



चन्द्रकान्त रस के फायदे, नुकसान, सेवन विधि, गुण और उपयोग | Chandrakant ras benefits in Hindi

1. रस सिंदूर, अभ्रक, तीक्ष्ण लौह, ताम्र आदि भस्मों के योग से बने इस रस के सेवन से वात – पित्त, कफ आदि किसी भी दोष से उत्पन्न सिर के रोगों में आश्चर्यजनक रूप से फायदा पहुंचा कर उनको दूर करता है।

2. अर्धावभेदक (आधा शीशी) सूर्यावर्त (सूर्य के साथ घटने – बढ़ने वाला सिरदर्द) में भी इसके सेवन से बहुत अच्छा लाभ होता है। अतः जिनको भी इस प्रकार के सिर दर्द की शिकायत है। वह इसका सेवन अवश्य करें।

3. शरीर में खून की कमी के कारण होने वाले मस्तिष्क में शून्यता अथवा सिर दर्द में भी प्रवाल चन्द्रपुटी के साथ इसको मधु (शहद) में मिलाकर या दूध के साथ देने से बहुत अच्छा लाभ होता है।

चन्द्रकान्त रस के फायदे नुकसान | सेवन विधि | गुण और उपयोग | Chandrakant ras benefits in Hindi
Chandrakant ras benefits in Hindi



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4. जीर्ण प्रतिश्याय में भी कपाल में कफ संचित होकर सिर दर उत्पन्न कर देता है, उसमें भी इसे गोदंती भस्म के साथ मिला शर्बत गुलवनस्पा के साथ देने से अति उत्तम लाभ होता है।

5. अनन्तवात नामक शिरो रोग में भी यह आश्चर्यजनक रूप से फायदा पहुंचाने वाली बहुत ही गुणकारी औषधि है।

चन्द्रकान्त रस की मात्रा अनुपान और  सेवन विधि

  • एक से दो गोली सुबह शाम गोदंती हरताल भस्म और मधु के साथ सेवन करें अथवा बादाम के हलवा में मिलाकर खाकर ऊपर से गर्म दूध पिएं।
  • जलेबी की चाशनी में मिलाकर चाटने और ऊपर से गरम जलेबी खाने और दूध पीने से भी बहुत अच्छा लाभ होता है।

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चन्द्रकान्त रस के नुकसान

यह पूर्णतया आयुर्वेदिक औषधि है। आयुर्वेद सार संग्रह में भी इससे होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान का वर्णन नहीं किया गया है, अतः हम कह सकते हैं कि यह पूर्णतया सुरक्षित और गुणकारी औषधि है।

विशेष नोट –

चन्द्रकान्त रस का प्रयोग करने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक या हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करके अपनी प्रकृति के बारे में जानकर उसके बाद ही इसका सेवन करें।

संदर्भ:- आयुर्वेद-सारसंग्रह श्री बैद्यनाथ भवन लि. पृ. सं. 356



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