चन्दनासव एक अत्यंत गुणकारी आयुर्वेदिक औषधि है। इसके सेवन से पेशाब में जलन, पेशाब का पीलापन तथा स्वप्नदोष और हृदय की कमजोरी जैसे रोगों में आश्चर्यजनक रूप से फायदा होता है। इन दोषों को दूर करने के अलावा भी चंदनासव का सेवन कई अन्य बीमारियों में लाभदायक है। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।
तो आइए जानते हैं चंदनासव के फायदे, नुक़सान, गुण, उपयोग, कीमत और सेवन विधि के बारे में | Chandanasava benefits in Hindi
चन्दनासव के मुख्य घटक
सफेद चंदन, सुगंधबाला (खस), नागरमोथा, गम्भारी फल, नीलोफर, प्रियंगु, पद्माख, मंजीठ, लाल चंदन, पाठा, चिरायता, बड़ की छाल, पीपल की छाल, कचनार की छाल, आम की छाल, कचूर, पित्तपापड़ा, मुलेठी, रास्ना, परवल के पत्ते, मोचरस- प्रत्येक 4-4 तोला लेकर मोटा चूर्ण कर लें और धाय के फूल 64 तोला तथा मुनक्का एक सेर लें।
इन सब को 25 सेर, 8 तोला पानी में डालकर 5 सेर चीनी और दो सेर गुड़ मिलाकर घोलकर रख दें। बाद में उपरोक्त चूर्ण डालकर पात्र का मुंह बंद कर दें। एक महीने बाद छानकर रख लें। आपका चन्दनासव तैयार है।
-भै. र.
वक्तव्य
इस योग में चीनी का परिमाण कम होने से इसमें खट्टापन आ जाता है, अतः चीनी की दुगनी (10 सेर) मात्रा डालने से यह ठीक बनता है।
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चंदनासव के फायदे, गुण और उपयोग | Chandanasava benefits in Hindi
यह आसव शीतवीर्य होने के कारण शुक्रस्थान की गर्मी को नष्ट करता है। जिसके कारण स्वपनदोष की समस्या में अति शीघ्र लाभ होता है।
इसके सेवन से पेशाब में धातु जाना, पेशाब की जलन और पेशाब के पीलेपन में भी आश्चर्यजनक रूप से लाभ होता है।
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चन्दनासव के सेवन से कमजोरी, प्रमेह, श्वेत प्रदर, उपदंश के विकार तथा अग्निमांद्य और हृदय के रोग बहुत जल्दी अच्छे हो जाते हैं।
चन्दनासव शीतवीर्य होने के कारण उष्णता को नष्ट करता है और शुक्रस्थान की गर्मी को दूर कर बल तथा वीर्य की वृद्धि करता है। पेशाब में पीलापन या काला होता हो तो उसे भी यह दूर कर साफ पेशाब लाता है।
शुक्र प्रमेह (सूजाक) में चन्दनासव के साथ चन्दन के तेल का सेवन करने से काफी लाभ होता है।
चन्दनासव 2 तोला, देवदार्वारिष्ट एक तोला, सारिवाद्यासव 2 तोला तथा चन्दन तेल 20 बूँद मिलाकर, 3 मात्रा बनाकर, कुछ समय प्रतिदिन देने से बहुत अच्छा लाभ होता है। उष्णवात (सूजाक) की कसर को दूर करने के लिए यह मिश्रण बहुत ही लाभदायक है।
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यह आसव शीतवीर्य होने से सूजाक, उपदंश एवं मूत्र विकारों को दूर करने में बहुत गुणकारी माना जाता है। यह हृदय को बल देने वाला, पौष्टिक तथा बलवर्धक एवं अग्निदीपक है।
सूजाक की प्रथम अवस्था में जलन होती है, जिससे पेशाब करने के समय चिनक (दाह- दर्द) होता है और पेशाब खुलकर नहीं होता, कुछ रोज तक यही कर्म चालू रहने से मूत्र नली में घाव होकर पीब निकलने लगता है और यह स्राव बराबर जारी रहता है। रोग पुराना होने पर पीब में दुर्गंध आने लगती है, शरीर कांतिहीन हो जाता है। रक्त विकार होने से त्वचा रुक्ष हो जाती है तथा चकते आदि भी निकल आते हैं। ऐसी अवस्था में चन्दनासव के उपयोग से दाह अर्थात गर्मी शांत होकर पेशाब खुलकर आने लगता है और धीरे-धीरे स्राव भी रुक जाता है।
चन्दनासव की मात्रा अनुपान और सेवन विधि
एक से 2 तोला बराबर मात्रा में जल मिलाकर भोजन के बाद सुबह शाम लें।
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चन्दनासव के नुकसान
विशेष नोट –
चन्दनासव की कीमत
चन्दनासव एक बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है। जिसे आप आयुर्वेदिक स्टोर तथा ऑनलाइन अमेजॉन आदि से बड़ी आसानी से खरीद सकते हैं। अमेजॉन पर 450ml बोतल की कीमत ₹148 है। ( जगह, स्थान, समय और मार्केट के हिसाब से कीमतों में बदलाव हो सकता है। )
अगर आप भी सूजाक, पेशाब में धातु जाना, पेशाब में जलन, दर्द, पेशाब का पीलापन, स्वप्नदोष तथा कमजोरी, अग्निमांद्य आदि से परेशान हैं तो घबराएं नहीं अनंत क्लीनिक ( जो कि मेन झज्जर रोड़, बहादुरगढ़, हरियाणा में स्थित है। संपर्क सूत्र- 727-727-0004 ) में सभी बीमारियों का इलाज संभव है। अनंत क्लीनिक के अनुभवी डॉक्टर अब तक अनेकों रोगियों को इन रोगों से मुक्ति दिला चुके हैं। तो आज ही अनंत क्लीनिक पर आकर अपना चेकअप कराएं और ऐसे सभी रोगों से मुक्ति पाएं। अभी अपनी अपॉइंटमेंट बुक करें या कॉल अस ( Call Us ) के बटन पर क्लिक करके भी कॉल के जरिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
संदर्भ:- आयुर्वेद-सारसंग्रह श्री बैद्यनाथ भवन लि. पृ. सं. 733