कोरोनावायरस जैसी महामारी से देश अभी तक उभर नहीं पाया था की एक और बिमारी महामारी का रूप लेती जा रही है, जिसने देश के लगभग 13 राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। इन सभी राज्यों में इस बीमारी के संक्रमित लगातार बढ़ते जा रहे हैं इसी के चलते राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्य की सरकारों ने तो इसे महामारी घोषित भी कर दिया है। जिसे ब्लैक फंगस ( म्यूकर माइकोसिस ) नाम दिया गया है।
इस बिमारी ने अब तक न जाने कितने ही लोगों की जान ले ली है, और अनेक लोगों पर इससे संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है। आज इस पोस्ट में हम जानेंगे ब्लैक फंगस क्या है? इसके लक्षण, कैसे फैलता है, और इसका इलाज क्या है। इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे तो इस पोस्ट को कृपया पूरा पढ़ें।
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ब्लैक फंगस क्या है, किन लोगों को इसके होने का खतरा ज्यादा है ?
1 – यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो अभी-अभी कोरोनावायरस से रिकवर हो कर आए हैं उन सभी लोगों में इसके होने का खतरा ज्यादा है।
2 – जिन लोगों की इम्युनिटी लो है, या जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है उन सभी को इसके होने का खतरा ज्यादा है।
3 – जो लोग कोरोनावायरस या अन्य किसी बीमारी से जूझ रहे हैं ऐसे सभी लोगों में भी इस बिमारी के होने का खतरा ज्यादा है।
4 – वे सभी लोग जो लंबे समय से आईसीयू में भर्ती हैं, या हॉस्पिटल में एडमिट है उनमें भी इससे संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
5 – यह शुगर के मरीजों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है।
6 – पोस्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद भी ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि जब भी आप कोई ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराते हैं तो उस समय भी आपकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।
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ब्लैक फंगस कैसे फैलता है ?
1 – हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने से आप इससे संक्रमित हो सकते हैं।
2 – अगर आप एक पेशेंट हैं। और लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो यह आपकी त्वचा पर भी विकसित हो सकता है।
3 – अगर आपको कहीं पर चोट लगी है, या शरीर में कहीं पर भी रगड़ या जले हुए का निशान है, तो उस रास्ते से भी यह शरीर में दाखिल हो सकता है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
1 – आंखों में दर्द, सूजन और उनका लाल हो जाना।
2 – आंखों के नीचे व नाक के पास काले धब्बे बन जाना।
3 – गाल की हड्डी में और चेहरे में दर्द होना।
4 – चेहरे पर घाव होना और चेहरे के एक तरफ सूजन आ जाना।
5 – सिर में तेज दर्द के साथ बार – बार ( ज्वर ) बुखार आना।
6 – नाक से खून निकलना या खून की उल्टी आना।
7 – आंखों की रोशनी कम हो जाना यह बिल्कुल दिखाई ना देना।
8 – दांत कमजोर होना, दातों का गिरना व कुछ भी चबाने में असमर्थ हो जाना।
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ब्लैक फंगस से कैसे बचें ? | सावधानियां
1 – धूल और मिट्टी वाली जगह पर मास्क पहनकर ही जाएं।
2 – शुगर लेवल को मेंटेन रखें, कोरोनावायरस से ठीक होने के बाद भी अपना ब्लड ग्लूकोज का लेवल चेक करते रहें और इसको कंट्रोल में रखें।
3 – खाद, मिट्टी व काई से संबंधित अगर आप काम करते हैं, तो उस समय पर जूते व ग्लब्स पहन कर रखें।
4 – अगर आप घर पर खुद से दवाइयां ले रहे हैं, ऐसे में स्टेरॉइड्स लेने से बचें। स्टेरॉइड्स केवल डॉक्टर की देखरेख और उसकी सलाह के अनुसार ही लें।
5 – एंटीबायोटिक एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल बहुत जरूरत पड़ने पर ही डॉक्टर की सलाह से ही करें।
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ब्लैक फंगस का इलाज क्या है ?
1 – अगर आपमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ई एन टी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
2 – एंटीफंगल दवाओं से ब्लैक फंगस का इलाज संभव है लेकिन यह दवाई खुद से बिना डॉक्टर की सलाह के ना लें।
3 – ऑक्सीजन थेरेपी भी ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर साबित हुई है। लेकिन ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान स्टेराइल ( जब किसी को ऑक्सीजन दी जाती है, तो ऑक्सीजन का पाइप एक गिलास से जुड़ा होता है जो कि आधा पानी से भरा होता है। इस पानी को ही स्टेराइल वाटर कहते हैं। ) वाटर का ही प्रयोग करें।
4 – अगर इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल गया है तो सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। लेकिन सर्जरी से पहले एंटीफंगल थेरेपी दी जाती है जोकि 4 से 6 सप्ताह तक चलती है।
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