कोरोना से कैसे बचें |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल शाम को फिर से देश को संबोधित किया और पिछले रविवार जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए पूरे देश का धन्यवाद किया, आभार प्रकट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के COVID-19 पर संबोधन की मुख्य बातें –
कोरोना से कैसे बचें –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है, सोशल डिस्टेंसिंग हमें इसका पालन अवश्य करना चाहिए।
सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब एक दूसरे से दूर रहना अपने घरों में ही बंद रहना। कोरोनावायरस से बचने के लिए इसके अलावा और कोई तरीका नहीं है, और कोई रास्ता नहीं है।
हमें अगर कोरोनावायरस से बचना है, तो उसके साइकिल को तोड़ना ही होगा, और वह तब होगा जब हम अपने घरों में रहेंगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।
कुछ लोग इस गलतफहमी में है कि सोशल डिस्टेंसिंग तो केवल मरीजों के लिए है, बीमार व्यक्तियों के लिए है। यह सोचना बिल्कुल गलत है, सोशल डिस्टेंसिंग देश के प्रत्येक नागरिक के लिए प्रत्येक परिवार के लिए आवश्यक है।
कुछ लोगों की लापरवाही आपको, आपके बच्चों को, आपके माता-पिता को, आपके परिवार को, आपके दोस्तों को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुसीबत में डाल देगी।
अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो देश को उसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है और यह कीमत कितनी बड़ी होगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा की स्वास्थ्य विशेषज्ञों और दूसरे देशों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए देश एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रहा है, और वह है मंगलवार रात 12:00 बजे से संपूर्ण देश में लॉकडाउन होने जा रहा है।
हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए, आपके परिवार को बचाने के लिए, आपको बचाने के लिए मंगलवार 23 मार्च रात 12:00 बजे से घरों से निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है।
निश्चित तौर पर इन लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ेगी, लेकिन एक-एक भारतीय को बचाना, आपके परिवार को बचाना, आपको बचाना इस समय भारत सरकार की और राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप इस समय जहां भी हैं देश के जिस भी हिस्से में है, कृपया वही रहे, घरों से बाहर ना निकलें।
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इस बार लगने वाला यह लॉकडाउन 21 दिन के लिए होगा। आने वाले 21 दिन आपके लिए, आपके पूरे परिवार के लिए, पूरे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्टों की माने तो कोरोनावायरस की संक्रमण साइकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है।
अगर हम अब भी लापरवाही करते रहे और यह 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा।अगर यह 21 दिन नहीं संभले तो बहुत से परिवार पूरी तरह तबाह हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सारी बातें मैं एक प्रधानमंत्री के नाते नहीं बल्कि आपके परिवार के सदस्य के तौर पर कह रहा हूं। इसलिए यह 21 दिन घर से निकलना क्या होता है यह भूल जाएं, घर में रहे, घर में ही रहे और सिर्फ एक ही काम करें की घर में ही रहे। आपके घर के बाहर पड़ने वाला आपका सिर्फ एक कदम कोरोनावायरस नामक महामारी को आपके घर तक आपके परिवार तक ला सकता है।
याद रखें कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति शुरू में सामान्य ही लगता है,वह संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है, तो इसके लक्षण दिखने में कई-कई दिन लग जाते हैं, और इस दौरान वह जाने-अनजाने कई और लोगों को संक्रमित कर देता है। इसलिए आपको एहतियात बरतना बहुत आवश्यक है। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ एक ही काम करिए अपने घरों में रहिए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट –
WHO की रिपोर्ट बताती है कि इस महामारी से संक्रमित एक व्यक्ति सिर्फ हफ्ते 10 दिन में ही सैकड़ों लोगों तक इस बीमारी को पहुंचा सकता है। यानी यह जंगल की आग की तरह बहुत तेजी से फैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित पहले एक व्यक्ति से लेकर 100000 व्यक्ति तक पहुंचने के लिए 67 लगे दिन लगे।
वही 100000 से 200000 पहुंचने में इसे सिर्फ 11 दिन लगे।
यह और भी भयानक है क्योंकि इस महामारी को 200000 से 300000 तक पहुंचने के लिए केवल 4 दिन लगे।
आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि यह महामारी कितनी तेजी से फैलती है, और जब यह फैलना शुरु करती है, तो इसे रोक पाना बहुत मुश्किल है।
यही वजह है कि चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, अमेरिका, ईरान आदि अनेक देशों में जब इसने फैलना शुरू किया तो हालात बेकाबू होते चले गए। यहां एक बात यह भी ध्यान देने योग्य है, कि इटली हो, अमेरिका हो, फ्रांस हो, या जर्मनी हो इन देशों की स्वास्थ्य सेवाएं, उनके हॉस्पिटल, उनके यहां आधुनिक संसाधन पूरी दुनिया में बेहतर माने जाते हैं, उनकी व्यवस्थाओं को पूरी दुनिया में बेहतरीन माना जाता है, बावजूद इसके यह सभी देश कोरोनावायरस का प्रभाव कम नहीं कर पाए।
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अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में उम्मीद की किरण क्या है, उपाय क्या हैं, इससे बचने के विकल्प क्या है।
कोरोना से बचने के लिए उम्मीद की किरण उन देशों से मिले अनुभव हैं जो देश कुछ हद तक इस महामारी पर काबू कर पाए। इन देशों के नागरिक कई हफ्तों तक घरों से बाहर नहीं निकले, इन देशों के नागरिकों ने शत् – प्रतिशत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। इसलिए यह कुछ देश इस महामारी से बाहर निकलने की ओर अपने कदम बढ़ा चुके हैं।
हमें भी यह मानकर चलना चाहिए कि इस महामारी से बचने के लिए हमारे सामने भी सिर्फ और सिर्फ यही एक विकल्प है, इसलिए हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए, और घरों से बिल्कुल नहीं निकलना चाहिए।
हमें इस महामारी के वायरस का संक्रमण रोकना है, इसके फैलने की चैन को तोड़ना है। साथियों भारत आज जिस स्टेज पर है, वहां हमारे द्वारा आज उठाए गए कदम ही यह तय करेंगे, कि इस महामारी के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं।
यह समय हमारे संकल्प को और मजबूत करने का है, यह समय कदम कदम पर संयम बरतने का और धैर्य रखने का समय है। आपको हर पल यह है याद रखना है की “ जान है तो जहान है ”
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है, जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है, इसलिए आप घरों में रहिए और उन सबके लिए प्रार्थना करिए जो डॉक्टर, नर्स, एंबुलेंस के ड्राइवर, सफाई कर्मचारी, पुलिस मैन, मिलिट्री मैन, मीडिया कर्मी इस मुश्किल समय में इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात एक किए हुए हैं।
साथियों कोरोना के कारण वैश्विक महामारी से बनी स्थिति के कारण केंद्र सरकार और देश भर की राज्य सरकारें तेजी से मिलकर काम कर रही हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा ना हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं, सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी ना हो इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है।
निश्चित तौर पर ही यह संकट की घड़ी गरीबों के लिए एक मुश्किल घड़ी है, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ, सिविल सोसाइटी के लोग गरीबों को कम से कम मुश्किलों का सामना करना पड़े इसके लिए निरंतर जुटे हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की जीवन जीने के लिए जो जरूरी है, उसके लिए सभी प्रयासों के साथ ही जीवन बचाने के लिए, जो जरूरी है उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी ही पड़ेगी।
इस वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने का काम केंद्र सरकार लगातार कर रही है, विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत के बड़े चिकित्सा और अनुसंधान संस्थान तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह और सुझाव पर कार्य करते हुए सरकार ने निरंतर फैसले भी लिए हैं।
अब कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच के लिए और इसके इलाज के लिए, देश के हेल्थ सेक्टर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आज 15000 करोड का प्रावधान किया है। इसे कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फैसिलिटी, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, वेंटीलेटर, आइसोलेशन बेड और जरूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। साथ ही मेडिकल और पैरामेडिकल की मेन पावर की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि इस समय राज्य की सबसे पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवाओं को ऊपर रखना ही होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक बार फिर अपील की है कि अफवाहों से बचें और इस बीमारी के लक्षण होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई ना लें। किसी भी तरह का खिलवाड़ आपके जीवन को और ज्यादा खतरे में डाल सकता है।
हर भारतीय को केंद्र सरकार, राज्य सरकार व स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह का पालन करना चाहिए। 21 दिन का लॉक डाउन समय बहुत लंबा समय है, लेकिन पूरे देश के लिए, आपके परिवार के लिए, आपके लिए इसका पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की हर भारतवासी इस संकट की घड़ी में सरकार द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन करेगा और अपने दृढ़ संकल्प से मुश्किल की इस घड़ी से विजयी होकर ही निकलेगा।
याद रखें कि इस महामारी से अपने आप को, अपने परिवार को, अपने दोस्तों को, और अपने देश को बचाने का एकमात्र विकल्प है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सिर्फ और सिर्फ अपने घरों में ही रहना अतः आपसे अनुरोध है, कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें और अपने घरों में रहें सुरक्षित रहें।
धन्यवाद।
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अच्छी जानकारी है